Sunday, August 30, 2020

सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल Sapne Mein Sakhi Dekhyo NandaGopal

 सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल 

सावली सुरतिया हातों में बाँसुरिया 
और गुँघुराले बाल 
सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल 

वृन्दाबन की कुँज गलियन में 
भागतो दौड़तो देख्यो 
देख्यो री सखी   भागतो दौड़तो देख्यो 
जंगल बिच में गाय चराबत 
बाध्यौ  कालो  शाल 
सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल   

लुकतो छुपतो पनघट ऊपर 
सबकी मटकीया  फोड़े 
फोड़े रे सखी सबकी मटकिया फोड़े 
घर घर जावतो माखन चुरावतो 
प्यारो यशोदा रो लाल 
सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल  

म्हारे सागे नटखट कन्हैया 
लुक मिचनी खेले सखी री 
वो तो  लुक मिचनी खेले
जद मन्ने पकड्यो कृश्न कन्हाई 
मैं तो हो गयी नह्याल 
सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल    

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