Sunday, August 25, 2019

एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री राधे

एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री राधे।
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥

मैं तो राधा राधा सदा ही रटूं,
कभी द्वारे से लाडली के ना हटूं,
मेरे शीश कमल पग धर दो, स्वामिनी श्री राधे।

मेरी आस ना टूटने पाए कभी,
इस तन से प्राण जाएँ तभी,
मुझे निज दर्शन का वर दो, स्वामिनी श्री राधे।

मुझे प्रीती की रीति सिखा दीजिए,
निज नाम का मन्त्र बता दीजिए,
मेरे मन की व्यथा सब हर दो, स्वामिनी श्री राधे।  

राधे किशोरी दया करो

राधे किशोरी दया करो 
श्यामा लाड़ली दया करो 

हमसे दीन न कोई जग में , बान दया की तनक ढरो 

सदा ढरी दीनन पै श्यामा , यह बिश्वाश जु मनहिं खरो 
बिषम बिषय बिष ज्वाल माल में , विविध ताप तापनि जु जरो 
दीनन हित अवतरि जगत में , दीन पालनी हिय विचरो 
दास तुम्हारो आस और की , हरो वीमुख गति कौ झगरो 
कबहुँ कृपा करोगी श्यामा , यही आस लिए द्वार परयो